( बुद्धि-विरोधी बाबाओं से सावधान रहना और काम करना सभी जागरूक मनुष्य का कर्त्तव्य है। )

गुरुवार, 9 जुलाई 2009

नैतिकता बनाम कानून

नैतिकता क्या है?
हम क्यों चाहते हैं कि समाज में नैतिकता बनी रहे ?
हम अपने बच्चों को सही-ग़लत, उचित-अनुचित, अच्छे-बुरे की पहचान क्यो करवाते हैं?
छोडिये इन बातों को, सबसे पहले तो यह समझ लें सही और ग़लत में कुछ फर्क है भी या नहीं?
हमारा देश भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोक-तंत्र है। समानता , भाईचारा आदि महान मूल्यों को संविधान का आधार बिन्दु बनाया गया है। इसी समानता की दुहाई देकर कुछ माननीय न्यायाधीशों ने ' गे '(समलैंगिक मैथुन करने वालों ) को निरपराध की कोटि में रखा। एक कथित कुकृत्य को स्वतंत्रता का धरातल दिया। उन न्यायविदों ने उन घिनौने लोगों को एक समुदाय के रूप में देखा। फैसले का ख्याल किया जाय तो समलैंगिक मैथुन अब गैर-कानूनी नही।
अदालत को इस बात का भी संज्ञान लेना चाहिए कि हमारे-आपके समाज में और भी बहुत से कुकृत्य है जो बड़े पैमाने पर किया जा रहा है और उसपर सरकारें मुक़द्दमा भी चलाती है। बहुत संख्या को देख कर समता के सिद्धांत पर उन्हें भी निरपराध घोषित कर दिया जाना चाहिए ।
इस बकवास के पीछे मेरा यह कहना है कि नैतिकता को कानून से रौंदने की कवायद ठीक नही। विशेष कर गे - टाइप लोगों को , जो कि बहुधा लिजलिजे से , घिनौने से प्रतीत होते हैं , यह व्यवस्था देकर 'सोशल मोरल ' रौंदने की कानूनी कोशिश है। नैतिकता से बलात्कार करने का षडयंत्र है।

2 टिप्‍पणियां:

भास्कर ने कहा…

निवेदन है कि सबसे पहले नैतिकता को व्याख्यायित कीजिए। क्यों इसके बगैर समलैंगिकता के संदर्भ में कानून की आलोचना स्पष्ट नहीं हो पा रही है।
यदि जीवन का ध्येय आनंद है तो कुछ के लिए समलैंगिकता उस प्रक्रिया का एक अंग है।
जो दो की सहसहमतियों का परिणाम है उसे तीसरे की विरोधी मानसिकता के कारण क्यों नकारा जाए।

dr.ravindra das ने कहा…

do ki sahmati se kya-kya karne ki anumati milni chahiye?
naitikta kya hai? is sawal ka jabaw 2+2=4 ki tarah to nahi diya ja sakta.
sam-laigikta uchit hai ya nahi- yah main nahi janta. lekin mujhe nyayalay ka niyan ke dwara achar ka raundna uchit nahi lagta.
aise bahut se kam hain,(jaise, rishvat)jo do logon ki razamandi se liya-diya jata hai- galat mana jata hai. do logo ki agar duniya hoti to sirf un dono ki sahmati se kam chal jata. varna, galat= illeagal hoga. aur aap log isko svikrit karte hain to hamari bhi razamandi hai.