( बुद्धि-विरोधी बाबाओं से सावधान रहना और काम करना सभी जागरूक मनुष्य का कर्त्तव्य है। )

बुधवार, 18 मई 2011

जब आये थे बुद्ध

बीत गई कई सहस्राब्दियाँ

जब आये थे बुद्ध ... बताने -सर्वं दुखं दुखं ...

अनुभवों और तपस्याओं से गुजर कर एक राजकुमार

बन गया महात्मा बुद्ध

प्रतीत्यसमुत्पाद की गुत्थी सुलझाते हुए

बताया माध्यम मार्ग जीवन का दो अतियों के बीच से

कृपा की जगह करुणा का पाठ पढाने

सैकड़ों जन्म लेकर वह बोधिसत्त्व

धर्म को

स्वर्ग से उतार कर लाया मनुष्यों की धरती पर

दुरूह वैदिक मन्त्रों से मुक्त करा कर

लोक भाषा में

तत्त्व-कथाओं को बीन-बीन कर निकाला

श्रद्धा की थाली से

दांत के नीचे आने वाले कंकडों की तरह .....


उसी बुद्ध का जन्म दिन है आज

आओ ... शपथ लें कि छोड़ देंगे दुरुहता को

पहुंचेंगे जन-मन तक ....


1 टिप्पणी:

Urmi ने कहा…

बहुत ख़ूबसूरत और भावपूर्ण रचना!